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यह शैतानों का शहर है यहाँ भगवान नहीं मिलता.
अब तो इंसानों के चेहरे में भी इन्सान नहीं मिलता..
यह तो अखलाक और आमाल से पैदा की जाती है.
किसी दुकान पर शोहरत का सामान नहीं मिलता..
क्या खबर जिन्दगी कब तक है कुछ नेक कर ले.
मौत के आने से पहले कोई फरमान नहीं मिलता..
हैं कैसी ज़हनियत के लोग यहाँ काबिज वहां काबिज .
मुर्दों को भी अब सुकू भरा कब्रिस्तान नहीं मिलता ..
प्यार, मोहब्बत, पैसा, शोहरत दुनिया में मिल सकते हैं.
बहती हो जहाँ निर्मल गंगा वोह हिंदुस्तान नहीं मिलता ..
उसके नाम को बेच रहे हैं दुनिया लूटें मक्कारी से.
दीन की बातें करने वालों में अब इमां नहीं मिलता..
बुलंद होंसले अपराधी के दरोगा से हमसाज़ मिले.
लूटे चेन हो चोरी डकैती, ड्यूटी पर दीवान नहीं मिलता..
कुछ बारूद के सौदागर, कुछ ज़हर बेचते गलियों मैं .
चारों तरफ है मौत का मंज़र शमशा वीरान नहीं मिलता..
बम फटे लाशें गिरी संसद ताज पर हमला हो गया.
हिंदुस्तान क्यों तेरे लहू मैं उफान नहीं मिलता..
जब भी निकला हूँ साथ लेकर माँ की दुआओं का बटुआ.
चाँदरात के समंदर मैं भी आकांक्षी तूफ़ान नहीं मिलता..
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