जब से किरण आशा की दिल मैं जग गयी है. तम की शक्ति क्षीण होने लग गयी है.
और ज्यादा ठहर न पायेंगे अँधेरे रोशनी चहुँ ओर होने लग गयी है.
दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें – संजीव आकांक्षी
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